क्या कोई ब्लॉगिंग कोर्स ऐसा है जिसे एक बार करके आप ब्लॉगिंग में माहिर हो जाएँ ?? या आपको ब्लॉगिंग तभी शुरू करनी चाहिए जब आप उसमें एकदम पारंगत हों जाएँ ? इस पोस्ट में हम इन्हीं सवालों का जवाब ढूँढने की कोशिश करेंगे !
अच्छा चलिये जरा कुछ चीजें आपको याद दिलाते हैं
- क्या आपके साइकल चलाने के लिए कोई कोर्स किया था ? और तभी साइकल चलाना शुरू किया था ?
- क्या आपने बोलने के लिए कोई कोर्स किया था ?
- क्या उस एक चीज़ के लिए (सभी में एक गुण जरूर होता है जो औरों से बेहतर होता है) जिसमें आप माहिर हैं उसके लिए कोई कोर्स किया था ?
इन सबका जवाब नहीं ही आएगा साहब !! कोई बात नहीं अभी खत्म नहीं हुआ
- अब बताइये आपमें से कितनों ने गणित की क्लासेस ली होंगी पर क्या कभी सिर्फ किताब पढ़ने से कोई गणित सीख सकता है भला ?
- आपमें से कितनों ने English Speaking की क्लासेस की होंगी वहाँ ऐसे क्यूँ बोलते हैं कि पहले दिन से ही बोलना शुरू करो !
- आपने कई कम पढे लिखे लोग भी देखे होंगे जो अच्छी अँग्रेजी बोलते हैं पर कई बहुत पढे लिखे और कोर्स किए हुए लोग भी अँग्रेजी नहीं बोल पाते !!
आखिर वजह क्या है ??
वजह जानने से पहले हम कोई भी चीज सीखते कैसे हैं ये जान लेते हैं –
- किताब पढ़कर या कोर्स करके
- किसी के द्वारा पढ़ाये जाने पर
- किसी विशेष प्रकार के ग्रुप में रहने पर (जैसे ग्रुप स्टडीज़)
- किसी परिस्थिति द्वारा (जब आप किसी परिस्थिति में पड़ जाते हैं और हल निकलते हैं, या गलती करके सीखते हैं)
- किसी विशेष प्रकार के वातावरण में रहने पर (जैसे अंग्रेजों के साथ रहने से अँग्रेजी खुद ही आ जाएगी)
- किसी चीज़ को बार बार करने से
सीखने का एक उदाहरण ये देखें यहाँ अक्षय कुमार कितनी मेहनत और प्रैक्टिस कर रहा है सीखने के लिए, और आखिर में वो सीख ही लेता है |
इसी फिल्म के अंत में एक और चीज़ हमें सीखने को मिलती है कि हमारे काम वो हजारों चीज़ें नहीं आती जो हमने एक बार प्रैक्टिस की हैं हमारे काम वो एक चीज़ आती है जो हमने हजारों बार प्रैक्टिस की है !
सीखने के यहाँ चार तरीके सबसे कारगर साबित हुए
- किसी विशेष प्रकार के ग्रुप में रहने पर
- किसी परिस्थिति द्वारा
- किसी विशेष प्रकार के वातावरण में रहने पर और
- किसी चीज़ को बार बार करने से
और निष्कर्ष के तौर ये निकला कि हम हर उस चीज़ को सीख सकते हैं जो हम करते हैं !
यानि किसी भी चीज़ को सीखने के लिए उसे करना जरूरी है, ना कि ये इंतज़ार करना कि सीख जाएँगे तब करेंगे !
- कम पढे लिखे लोग भी माहौल में रखकर अँग्रेजी बोलना सीख जाते हैं !
- यही वजह है कि English Speaking कोर्स जॉइन करने पर वहाँ कहा जाता है कि पहले दिन से ही बोलो !
“क्यूंकि ये सब जानते हैं कि करने से ही होगा”
तो आखिर में निष्कर्ष क्या है ?? निष्कर्ष है कि
- आप इंतजार मत करो कि सीख जाओगे तब शुरू करोगे, अभी से Blogging शुरू करो आप इंतज़ार करके अपना समय ही खराब कर रहे हो, अगर आज से शुरू करोगे तो आज से ही सीखना भी शुरू कर दोगे !
- जहां तक बात है ग्रुप स्टडीस की तो HindiTechie.com का यही उद्देश्य है कि सब ग्रुप में सीखें, यहाँ कुछ Experts भी हैं कुछ नए भी हैं, सब एक साथ प्रतिदिन चर्चा करते हैं, तो सीखने का माहौल बन जाता है |
- याद है ना हमने कहा था कि अंग्रेजों के बीच में रहने से अँग्रेजी आ जाती है, इसी तरह ब्लोग्गेर्स के बीच रहने से ब्लॉगिंग खुद ब खुद आ जाएगी |
- हम परिस्थितियों और परेशानियों से सीखते हैं तो जब आप Blogging शुरू करेंगे तो परेशानी आएंगी, हालांकि उनका हल करने के लिए हम हैं, पर फिर भी ये वोही परिस्थिति है जिसमें आप सबसे ज्यादा सीखते हैं |
- कड़ी मेहनत, लगन, और प्रैक्टिस से सब कुछ सीखा जा सकता है |
तो किसी भी भी चीज़ को सीखने का सबसे अच्छा तरीका है उसे करना, उसे शुरू करना और बस मन में ठान लेना कि ये करके रहना है बस !!
तो फिलहाल आज की पोस्ट में इतना ही उम्मीद है आपको पसंद आएगा, आप क्या सोचते हैं इस बारे में मुझे कमेन्ट में जरूर बताइएगा !